“2022 में बिज़नेस लोन कितने प्रकार के होते हैं?” Types of Business Loans in Hindi

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हमारे भारत देश में व्यापार लोन लेने के लिए बहुत तरीके हैं. इसमें से प्रमुख रूप से किसी भी व्यापारी के लिए को हम दो प्रकार में वर्गीकृत कर सकते हैं.

प्रोफेशनल लोन

ऐसे तो आप प्रोफेशनल लोनऔर अपने व्यापार के लिए लिया गया लोन दोनों ही सुरक्षित और असुरक्षित हो सकता है. आपको किसी भी लोन लेने के लिए शॉर्ट टर्म या लॉन्ग टर्म कुछ भी हो सकता है. आगे जाकर इस बारे में विस्तार में जानकारी देने का प्रयास किया गया है. आइए यहां पर दोनों लोन के बारे में विस्तृत जानकारी बताएं हैं.

आपको सबसे पहले प्रोफेशनल लोन के बारे में जानकारी देंगे. इस लोन इस तरह व्यक्ति को दिया जाता है जो पेशेवर रूप से कोई भी विशेष बिजनेस में जुड़ा हुआ होते हैं. ऐसे व्यक्ति जो अपना व्यापार शुरू करना चाहते हैं. और उन क्षेत्र से उन्हें डिग्री प्राप्त होती है. जैसे कि डॉक्टर, इंजीनियर,चार्टर्ड अकाउंटेंट इत्यादि. इन क्षेत्र से जुड़े हुए लोगो को प्रोफेशनल लोन देते हैं या दिया जाता है. कोई भी वित्तीय संधान प्रोफेशनल लोन देने से पहले संबंधित व्यक्ति का क्रेडिट का हिस्ट्री ध्यान में रखते हुए देते हैं.

वही कोई ऐसे मामले में भी बैंक प्रोफेशनल लोन देने से पहले किसी भी प्रकार के बंधक के तौर पर गैर कृषि भूमि, राष्ट्रीय प्रमाण पत्र, जीवन बीमा पॉलिसी, सरकारी बॉन्ड इत्यादि चीजों का बंधक के रूप से रखा जाता है. आमतौर पर बंधक के लिए कोई भी वित्तीय संस्थान बंधक के रूप में किसी भी चीजों को तब रखा जाता है ज़ब लोन की राशि 15से 20लाख रुपया हो. इन से भी अधिक हो

व्यापार के लिए लोन

इसके बाद आपको दूसरी प्रकार जो कि व्यापार से संबंधित लोन लेने का बात करेंगे. बिजनेस लोन ऐसे व्यक्ति को दिया जाता है जो की पार्टनरशिप व्यापार, प्राइवेट लिमिटेड कंपनी, अकेले अकेले स्वामित्व वाली कंपनी का मालिक है इत्यादि भी बिजनेस लोन के लिए आवेदन कर सकते हैं. सीधी बात में कहा जाए तो कोई भी संस्थान ऐसे व्यक्तिगत स्वामित्व बाले कंपनियों को लोन देती है. व्यापार के लिए लोन दिए जाने वाले लोग 3 भग में वर्गीकृत कर सकते हैं.

1.ओवरड्राफ्ट ऋण

2. कार्यशील पूंजी ऋण

3.टर्म लोन

1.ओवरड्राफ्ट ऋण

आप किसी भी उधार देने वाले संस्था से क्रेडिट का विस्तार है. तो तब भी आ जाता है जब अकाउंट में पैसा शून्य हो जाता है. ओवरड्राफ्ट खाता अधिकारी को पैसे निकालने की प्रकृति जारी रखने की अनुमति देते हैं. भले खाते में कोई पैसा नहीं हो या निकासी की राशि कवर करने के लिए अपर्याप्त फंड हो. ओवरड्राफ्ट का मतलब बैंक के ग्राहकों को एक निर्धारित राशि उधार लेने की अनुमति दिया जाता है. क्योंकि ब्याज सहित और आमतौर पर प्रति ओवरड्राफ्ट के भी देना पड़ता है.

ओवरड्राफ्ट काम इस तरह से करता है ओवरड्राफ्ट खाते के साथ बैंक उन पेमेंट के कवर करता है. जो किसी भी ग्राहक ने किया हो. जो अन्यथा उसकी अस्वीकृत हो सकता था.या वास्तविक चेक के मामले में बाउंस हो जाते हैं बिना भुगतान के लोट जाते हैं.

ओवरड्राफ्ट का विशेषता यह है कि ओवरड्राफ्ट एक प्रकार सुरक्षा लोन है जो कुछ बैंक के द्वारा अपने ग्राहकों के लिए उपलब्ध होता है. ओवरड्राफ्ट ग्राहकों के बिल का पेमेंट कराना जारी रखें में मदद करता है. भले ही अपने ग्राहकों के अकाउंट में प्रजापत धन ना हो.ओवरड्राफ्ट किसी भी अन्य लोन कर सामन है. ग्राहकों के लोन का ब्याज अदा करता है. और ओवरड्राफ्ट के मामले में आमतौर पर टाइम अपर्याप्त फंड फीस चुकानी पड़ती है.

अन्या लोन की तरह उधारकर्ता किसी भी ओवरड्राफ्ट लोन कीबकाया बैलेंस पर ब्याज का भुगतान करता है. अक्सर लोन पर ब्याज क्रेडिट कार्ड के ब्याज तुलना में काम होता है. जिससे ओवरड्राफ्ट पैसों की जरूरत के समय में एक बेहतर विकल्प होता है. कोई मामले में ओवरड्राफ्ट सुरक्षा का उपयोग करने पर अतिरिक्त फीस आधा करनी पढ़ती है. जो आपने चेक को कवर करने के लिए उपलब्ध राशि को घाटा देती है.

ओवरड्राफ्ट सुरक्षा ग्राहक के उनके अकाउंट को मैनेज करने के लिए एक बेहतरीन टूल उपलब्ध कराती है. अपने पास आपका रेंट पे करने के लिए

2. कार्यशील पूंजी ऋण

यह एक लोन है कि एक कंपनी को दैनिक संचालन के वित्त पोषण के लिए ले जाया जाता है. इस लोन का उपयोग दीर्घकालिक संपत्ति या निवेश खरीदने के लिए नहीं किया जाता है और इसके वजह कंपनी की अल्पकालिक परिचालन जरूरतों का कवर करने वाली कार्यशील पूंजी प्रदान करने के लिए उपयोग किया जाता है.

उन जरूरतों में कॉन्ट्रैक्ट, किराया और लोन भुगतान जैसी बहुत से लागत शामिल हो सकता है.इस तरह कार्यसील पूंजी लोन केवल कॉर्पोरेट ऋण उधार हैं जो एक कंपनी द्वारा अपने दैनिक कार्यों को वित्त देने के लिए उपयोग किए जाते हैं. कभी-कभी इसी कंपनी को पास दिन प्रतिदिन के परी चलाना खर्चो को कवर करने के लिए हाथ या संपत्ति की तरलता पर पर्याप्त नकदी नहीं होती है और इस प्रकार, इस उद्देश्य के लिए ऋण को सुरक्षित करेगा।

उच्च मौसमी या चक्रण वाली कंपनी व्यावसायिक गतिविधि अवधी के मदद करने के लिए कार्यशील पूंजी लोन पर भरोसा कर सकती है. कई कंपनियों के पूरे साल स्तिर अनुमानित राजस्व नहीं है।उदाहरण के लिए, विनिर्माण कंपनियों की चक्रीय बिक्री हो सकती है जो खुदरा विक्रेताओं की जरूरतों के अनुरूप है। अधिकांश खुदरा विक्रेता चौथी तिमाही के दौरान अधिक उत्पाद बेचते हैं अर्थात छुट्टियों के मौसम के दौरान-वर्ष के किसी भी समय।

3.टर्म लोन

ऐसे आप छोटे या लम्बी दोनों अवधियों के लिए मुहैया करवा सकते हैं. किसी में कोई तरह की शर्तें होती है. लोन की ब्याज दरें भी कोई बातों को निर्भर करता है. आइए तो आप को हम टर्म लोन के बारे में कुछ जरूरी बातों को जानते हैं.

टर्म लोन मुख्यतः भूमि, मशीन, इक्विपमेंट या कमर्शियल वाहन खरीदने के लिए देता है.बिल्डिंग के कंस्‍ट्रक्‍शन भी इस तरह का लोन देता है.

इस तरह का लोन माध्यम से लंबी अवधि के हो सकता है. मध्यम अवधि के लोन लगभग 5लाख का होता है. वाह लंबी अवधि के लोन 10से 15लाख तक हो सकता है. इस तरह का लोन मैन्युफैक्चरिंग को दिए जाते हैं. या फिर उन्हें ट्रेडिंग एक्टिविटी या सेवाओं से जुड़ी प्रोजेक्ट के लिए भी दिया जाता है.

ऐसे लोन देने से पहले बैंक काफी छानबीन करता है. प्रोजेक्ट व्यवहार्यता का मूल्यांकन करते हैं. ऐसे में तकनीक पहलुओं को भी देखा जाता है. पूरी तरह से संतुष्ट होने के बाद बैंक इसे मंजूर होता है.

टर्म लोन पर ब्याज की दर कोई बातें पर निर्भर करती है. इसमें प्रोजेक्ट से जुड़ी जोखिम, लोन की रकम, कर्ज लेने वाली फार्म की क्रेडिट हिस्ट्री और कर्ज का स्‍ट्रक्‍चर जैसी बातें शामिल हैं। यह.यह लोन फिक्‍स्‍ड या फ्लोटिंग अर्थात चलायमान ब्याज दरों पर दिया जा सकता है।

बैंक रुपयों के साथ फॉरेन करंसी टर्म लोन भी देता है. इस तरह से इंपोर्ट और एक्सपोर्ट से जुड़ी बिजनेस के लिए भी काफी मददगार होती है.

बिज़नेस लोन के लिए आवश्यक दस्तावेज क्या हैं? (Business loan ke liye document)

हम यह तो भली-भांति जानते हैं कि सरकार बिजनेस के लिए आम जनता के लिए लोन मुहैया करवाती है। यहां हम जान ले तो उचित होगा.की किसी भी लोन लेने के लिए आपको सरकार के विभिन्न योजना है कि उनके अधिकारी पोर्टल पर जाकर योग्यता अनुसार आवेदन करना पड़ेगा. इन योजनाओं का लाभ उठाने के लिए पहले कुछ दस्तावेज भी करना होगा.इसके बात है आपके आवेदन स्वीकार किया जाएगा.आइए आप जानते हैं बिज़नेस लोन केलिए डॉक्यूमेंट्स के बारे में.

पैन कार्ड : बिजनेस लोन के लिए सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज होता है.

आयकर रिटर्न: आमतौर पर 2 से 3साल के इनकम टैक्स रिटर्न की जरूरत होती है.

आधार कार्ड/ निवास का प्रमाण पत्र : निवेश का प्रमाण पत्र लोन के लिए जरूरी होता है हैता.

बिजनेस एड्रेस प्रूफ: बिजनेस लोन के लिए जरूरी डॉक्यूमेंट व्यावसायिक पता का प्रमाण देना जरूरी होता है.

बैंक स्टेटमेंट: यहाँ आप कितना खर्चे करते हैं, कितना उधार कब चुकाते हैं इन सारे व्यापार का स्टेटमेंट से पता चलता है. एक अच्छा क्रेडिट बैलेंस के जरिए लोन देने बाले यह समझ सकते हैं.की आप वास्ततव में लोन चुका पाएंगेेे या नही.

सरकार केेेेेेे द्वारा कौन सी योजनाएं हैं, जिन पर लोन दिया जाता है?

•स्टैंड अप इंडिया योजना

• प्रधान मंत्री मुद्रा लोन योजना

• किसान क्रेडिट कार्ड

•पीएम स्वनिधि योजना

• प्रधान मंत्री सुरक्षा बीमा योजना

•प्रधान मंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना

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