“बिजनेस क्या है ?” इस के उदाहरण, उद्देश्य, प्रकार और विशेषताएँ।features of business in hindi

हम अपने जीवन में बिजनेस का शब्द किसी ना किसी के मुंह से बार-बार सुनते हैं. और यह शब्द ऐसा शब्द है जो कि किसी भी व्यक्ति का सपनों को सफल करने के लिए पर्याप्त है. कहने का तात्पर्य यह है कि मनुष्य प्राणी अपनी जीविका को चलने और अपने परिवार का भरण पोषण करने के लिए किसी ना किसी आर्थिक गतिविधियों में संग्लग्न रहता है. और इन्हें जीबी का खोजने की बातचीत में अक्सर यह बिजनेस या बिजनेसमैन सब दो बार बार सुनते हैं.

यदि वर्तमान में हम प्रमुख आजीविका के साधनों की बात करें तो.उसमें हम प्रमुख तौर पर दो शब्दों नौकरी या व्यापार ही सुनाई पड़ती है. जैसे की हम सब जानते हैं कि, हम सबकी जो आधारभूत आवश्यक आता है वह रोटी, कपड़े, मकान इत्यादि है. इसके अलावा हमारे जीवन में दैनिक और कोई घरेलू सामग्री का आवश्यकता होती है. जिन्हें हम सभी खरीद सकते हैं. जब हमारे पास खरीदने के लिए पैसा हो.

और यह पैसा हमारे पास साफ होता है जब हम इसे कमाने के लिए हम कोई काम धंधा कर रहे होते हैं. जैसे हम घरेलू सामान दुकानदार से खरीदते हैं, दुकानदार थोक विक्रेता से खरीदते हैं,और थोक विक्रेता विनिर्माणकर्ता से खरीदते हैं.इस प्रकार से हम देखे तो इस घड़ी में जितने भी लोगों हैं,वे बिजनेस कर रहे हैं. इसलिए इन्हें बिजनेसमैन कहा जा सकता है.

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बिजनेस क्या है ?

आज के समय में सभी लोग बिजनेस के तरफ आकर्षित होने लगे हैं. व्यापार हो या नौकरी या कोई भी काम शुरू करने से पहले जानकारी लेना जरूरी होता है. पैसा कमाने का कई तरीका है. लेकिन ज्यादा पैसा कमाने के लिए वबिज़नेस करना पड़ेगा. यह एक ज्यादा पैसा कमाने का जरिया है जो की आप जितना चाहे इतना धन प्राप्त कर सकते हैं.

व्यापार की शुरुआत उपभोक्ताओं की उत्पादन या सेवा प्रदान करने के लिए क्या जाता है. जैसे कि कंपनी, फार्म,इंटरप्राइजेज भी कहते हैं. व्यापार बहुत ही बड़ा क्षेत्र है जिसके अंतर्गत व्यापार, उत्पादन और गुणवत्ता सभी कार्य शामिल है.

व्यापार वस्तु ओ और सेवाओं के निरंतर उत्पादन और उसे उपभोक्ता तक पहुंचाने की एक आर्थिक प्रक्रिया है. दूसरे शब्दों में कहा जाए तो बिजनेस का उद्देश्य वस्तु उत्पादन और सेवाओं से मानवीय इक्षाओं की पूर्ति कर लाभ कमाया जाता है. लाभ कमाने के उद्देश्य से वस्तुओं और सेवाओं का उत्पादन कर उसे ग्राहकों तक पहुंचाने के लिए कई प्रक्रिया से गुजर ना होता है.जैसे कि कंपनी-ट्रांसपोर्ट- होलसेलर-रिटेलर-ग्राहकों.

बिजनेस की अवधारणा क्या है ?

बिजनेस की अवधारणा उसके मालिक पर निर्भर करता है. अर्थात वह विशेष व्यवसाया उद्यमी द्वारा किसी भी वर्ग के लोगों की समस्या को ध्यान मैं रख कर क्या जा रहा है. उसका व्यवसाया का मॉडल क्या रहेगा प्रश्नों के आधार पर व्यापार की अवधारणा को स्पष्ट किया जा सकता है. किसी भी व्यापार की अवधारणा के आधार पर ही उसका बिजनेस प्लान, बजट, मिशन इत्यादि विकसित किया जा सकता है.

भारत में OLA कैब अवधारणा टैक्सी ड्राइवरोंं को एक प्लेटफार्म पर एकत्रित करके ग्राहकों को उनके फोन से ही टैक्सी बुकिंग की फैसिलिटी प्रदान करता है. इसी अवधारणा के आधार पर ओला ने अपनी बाकी सारी व्यवसायिक रणनीतियाँ विकसित की होंगी.

बिजनेस का उद्देश्य

किसी भी बिजनेस का उद्देश्य की बात किया जाए तो पैसा कमाने का व्यापार की मुख्य रूप से उद्देश्य होता है. लेकिन व्यापार का उद्देश्य इसे भी कहा जा सकता है. जो उस व्यापार विशेष को आगे बढ़ाता है. और उस बिजनेस को लंबे समय तक चलाने का समर्थ बना रहता है. कहने का तात्पर्य यह है कि किसी भी बिजनेसमैन लाभ कमाने के अलावा उसका बिज़नेस लम्बे समय तक बना रहे और आगे बढ़ता रहे. यह तभी संभव होता है कि जब अपने ग्राहकों के आवश्यकताओं को पूरा कर सकें और समय के अनुसार अपने प्रोडक्ट का सुधार करते रहेंगे.

कुछ समय पहले जहां किसी भी व्यापार का मुख्य उद्देश्य यह होता है कि सेवाएं या प्रोडक्ट को बेचकर लाभ कमाना होता था. वर्तमान के समय में व्यापार इकाइयों का मुख्य उद्देश्य अपने ग्राहक की संतुष्टि होता है. क्यों कि इन्हें पता है वे अपने ग्राहकों को संतुष्टि कर पाएंगे तो तभी उनका व्यापार लंबे समय तक चल पाएगा. क्योंकि ग्राहक का संतुष्टि होने से ही बार-बार उसी व्यवसायिक इकाई के प्रोडक्ट या सेवा खरीदने पर मजबूर करती है। और मुहँ से होने वाली मार्केटिंग को भी बढ़ावा देती है।

बिजनेस के प्रकार (Types of business in Hindi )

1.विनिर्माण बिजनेस

विनिर्माण बिज़नेस से आशय ऐसे व्यावसायिक इकाईयों से है किसी उत्पाद का उत्पादन करते है.और अपने उत्पादन को बेचने के लिए डिस्ट्रीब्यूटर या डीलर इत्यादि नियुक्त करते है. फिर सीधे ग्राहकों को भी ग्राहकों को भी बेच सकते हैं. उत्पादन कारखाना इत्यादि कुछ विनिर्माण बिजनेस की ही उदाहरण है.

2.सर्विस बिजनेस

सर्विस यानिकी सेवाओं. जैसे कि आप अपने सेवाओं को देकर पैसा कमा सकते हैं. जैसे यदि आपकी तबीयत खराब है और डॉक्टर के पास जाएंगे और डॉक्टर ने एक पर्चा में दवा लिख दे और उस दवा को मेडिकल स्टोर से खरीदने के लिए कहे. इस प्रकार से देखें तो डॉक्टर ने अपना सर्विस देकर पैसा कमा रहा है.

इसलिए देखा जाए तो सर्विस सेक्टर के संबंधित बिजनेस करने बाली इकाइयों द्वारा विशेष तौर पर कोई पेशेवर सेवाएं,विशेषज्ञता, कमीशन, इत्यादि प्रदान किया जाता है. सलून, स्कूल,किसी भी पेशेवर व्यक्ति से भुगतान करके परामर्श लेना इत्यादि सेब सर्विस में शामिल है.

3.मर्चेंडाइजिंग बिजनेस

मर्चेंडाइजिंग बिजनेस के उदाहरण काफी आसान है. उसमें उद्यमी को बिचौलिए के तौर पर काम करके पैसा कमाना होता है.मर्चेंडाइजिंग विनिर्माण कंपनी से या किसी थोक व्यापारी से कोई वस्तु या सामान खरीदते हैं.फिर उस उत्पाद या वस्तु में अपना लाभ जोड़कर रिटेलर में उस ग्राहकों को बेच देते हैं. जनरल स्टोर, सुपर मार्केट, डिस्ट्रीब्यूटर इत्यादि सब मर्चेंडाइजिंग बिज़नेस के उदाहरण है.

4.हाइब्रिड बिजनेस

हाइब्रिड बिजनेस उपायुक्त बताये गए तीनों प्रकार के व्यवसाय का मिश्रित और संयुक्त रूप है. इसमें एक ही व्यावसायिक इकाई उत्पादन भी प्रदान कर रही होती है. और किसी और के बनाये हुए उत्पादों को अपना लाभ जोड़कर बेच भी रही होती है। एक रेस्टोरेंट जो स्वयं की डिश बनाकर बेचता है, और कोल्ड ड्रिंक, पानी इत्यादि दुसरे उत्पादकों के भी उत्पाद बेचता है और साथ में अपने ग्राहकों को सर्विस भी प्रदान कर रहा होता है। इसका उपयुक्त उदाहरण है ।

बिजनेस की विशेषताएँ (Features of Business in Hindi):

1.वस्तुओं और सेवाओं का आदान प्रदान

सभी व्यवसायिक गतिविधियों गतिविधियाँ प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से पैसा या पैसे का मूल्य के लिए वस्तुओं के आदान-प्रदान से संबंधित होती है .

2.सौदे में कई तरह के लेन देन करना

बिजनेस में वस्तुओं और सेवाओं का आदान-प्रदान एक ही नियमित प्रक्रिया है. और एक व्यवसाई केवल एक लेन देन नहीं करता, बल्कि वह नियमित रुप से लेन-देन करता है.

3.लाभ कमाना प्रमुख उद्देश्य

व्यावसायिक का प्रमुख उद्देश्य लाभ कमाना होता है. क्योंकि किसी व्यवसायी का प्रतिफल व्यवसाय लाभ ही होता है.

4.व्यापार में सफलता के लिए व्यवसायिक कौशल जरुरी

व्यवसाय को सफल पूर्वक चलाना हर किसी के बस में नहीं होता है. एक अच्छा बिजनेसमैन बनने के लिए एक व्यक्ति के पास अच्छे व्यवसायिक का गुण और कौशल होना चाहिए.

5.अनिश्चितता और जोखिम

भले ही आप कितना अच्छा प्लान बना लो, कितना अच्छा व्यवसाय रणनीति बना लो. लेकिन बिजनेस में तब भी आप किसी भी बातों का निश्चित तौर पर नहीं नहीं कह सकते कि, आगे यही होगी. इसलिए कोई भी बिज़नेस जोखिम और अनिश्चितताओं के अधीन होते हैं.

6.क्रेता और विक्रेता का होना

किसी भी बिजनेस को क्रेता और विक्रेता दो पक्षों का होना आवश्यक है. व्यापार को क्रेता और विक्रेता के बीच एक अनुबंध भी कहा जा सकता है.

7.सेवाओं या वस्तुओं से जुड़ी गतिविधि

व्यावसायिक गतिविधि वस्तुओं या सेवाओं के उत्पादन से जुड़ी हुई हो सकते हैं.यद्यपि इस त्रह्ज की स्थिति में इस औद्योगिक गतिविधि कहा जाता है.

8.माल की मार्केटिंग और वितरण

किसी भी व्यवसाय में वाणज्यिक गतिविधि यानी कि माल की मार्केटिंग या वितरण सम्बन्धी गतिविधि का होना सामान्य बात है.

9.वस्तुओं या सेवाओं के सौदे होना

किसी भी व्यवसायिक गतिविधियों में वस्तुओं एवं सेवाएं के सोदे नियमित रूप से होते रहते हैं.वस्तुओं के दो भागों कंज्यूमर गुड्स और प्रोड्यूसर गुड्स में बांटा जा सकता है।

10.मनुष्य की आवश्यकताओं की पूर्ति

कोई भी बिजनेस एक सफल बिजनेस बन पाएगा जब मनुष्य की किसी ना किसी आवश्यक कता पूर्ण करता है, या मनुष्य की किसी समस्या का समाधान करता है.

बिजनेस क्यों किया जाता है?

अधिकतर लोगों के पास आजीविका चलने का दो सावधान एक नौकरी और दूसरी बिजनेस होता है. अलग-अलग लोगों अलग-अलग कारणों से बिजनेस करते हैं. कुछ आजीविका चलने के लिए और कुछ अतिरिक्त आया प्राप्त करने के लिए, कुछ अपना सपना को पूरा करने के लिए बिजनेस करते हैं.

बिजनेस किस पर आधारित होता है?

एक व्यवसाय लोगों की समस्या और जरूरतों पर आधारित होते हैं.

बिजनेस का प्रमुख लक्ष्य क्या होता है?

किसी भी व्यवस्था या का प्रमुख लक्ष्य लाभ की प्राप्ति करना होता है.

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